Saturday, January 12, 2019

LIC New Jeevan Anand Policy (815)

एलआईसी की जीवन आनंद योजना का संक्षेप में सारांश:

एलआईसी की जीवन आनंद योजना एक परंपरागत बीमा योजना है, जो पालिसी धारक(बीमित व्यक्ति)
के चुने हुए अवधि तक तो उसे बीमा सुरक्षा प्रदान करता ही है, साथ-साथ बीमा अवधि के पूरे होने के बाद भी आजीवन उसे बीमा सुरक्षा प्रदान करता है। इस योजना में पालिसी धारक को पालिसी अवधि के दौरान बोनस भी मिलता है जो इस योजना को एंडोमेंट के साथ साथ आजीवन बीमा योजना बनाता है।

अगर किसी परिस्थिति में पालिसी धारक की मृत्यु 70 वर्ष से पहले हो जाती है तो नामिनी को एक अतिरिक्त दुर्घटना राशि का भुगतान किया जाता है। यह अतिरिक्त दुर्घटना मृत्यु लाभ राशि 5,00,000/- होती है।
अगर किसी परिस्थिति में पालिसी धारक दुर्घटना वश स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है, तो उसे किश्तों में अतिरिक्त कवर राशि का भुगतान किया जाता है।
इन दोनों अतिरिक्त लाभ के लिए पालिसी धारक को कोई भी अतिरिक्त प्रीमियम देने की जरुरत नहीं है।

इसके अलावा एक अतिरिक्त प्रीमियम देकर आप क्रिटिकल इलनेस (गंभीर बीमारी) राइडर ले सकते हैं।

एलआईसी जीवन आनंद योजना की शुरुआत 1 फरवरी, 2002 को हुई थी, और 30 सितम्बर, 2013 को इसे बंद कर दिया गया था। इस योजना के बदले एलआईसी ने बेहतर सुविधाओं के साथ न्यू जीवन आनंद नाम की नई योजना लॉन्च की।

यह काम कैसे करता है?

पालिसी खरीदते वक्त पालिसी धारक, कवर राशि (बीमित रकम) और पालिसी की अवधि(जितने दिन तक उसे प्रीमियम भरना है) का चुनाव करता है।
अगर पालिसी धारक उसके द्वारा चुने हुए अवधि तक जीवित रहता है तो पालिसी मैच्योर(परिपक्वता) हो जाती है। उसे बीमित रकम के साथ जमा हुए बोनस का भुगतान किया जाता है। इसके बाद भी योजना जारी रहती है और पालिसीधारक को कोई प्रीमियम भरने की जरुरत नहीं होती। जब पालिसी धारक की मृत्यु होती है तो नॉमिनी को फिर से बीमित रकम वापस की जाती है।

अगर पालिसी अवधि के दौरान  पालिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो,  नॉमिनी को बीमित रकम के साथ जमा हुए बोनस का भुगतान किया जाता है, और पालिसी समाप्त हो जाती है।

हम उदहारण के साथ आपको समझायेंगे कि, जीवन आनंद काम कैसे करता है?
उदहारण: मान लीजिए अरुण जिसकी उम्र 35 वर्ष है। जीवन आनंद पालिसी 25 वर्ष के लिए 1 लाख (बीमित रकम) के साथ खरीदता है। उसकी सालाना प्रीमियम 4,535 होगी।

सिनेरियो 1:अगर अरुण की पालिसी अवधि के 15वें वर्ष में मृत्यु हो जाती है।
इस केस में, अरुण के नॉमिनी को बीमित रकम(1 लाख) और अरुण की मृत्यु तक जमा हुआ बोनस मिलेगा और पालिसी बंद हो जाएगी।
एलआईसी द्वारा हर साल बोनस घोषित किया जाता है।

सिनेरियो 2:अगर अरुण पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहते हैं।
इस परिस्थिति में, अरुण को बीमित रकम (1 लाख) और मैचुरिटी तक जमा हुआ बोनस मिलेगा।
इसके बाद भी पालिसी के तेहत रिस्क कवर जारी रहेगा। बाद में जब अरुण की मृत्यु होगी तो उसके नॉमिनी को बीमित रकम(1 लाख) वापस मिलेगा।
नीचे दिए हुए मैचुरिटी कैलकूलेटर का उपयोग कर आप पता कर सकते हैं कि, अरुण को मैचुरिटी पर कितनी रकम वापस मिलेगी।

तो इस योजना के लाभ इस प्रकार हैं,

मैचुरिटी(परिपक्वता) लाभ:पालिसी अवधि की समाप्ति पर भी अगर पालिसी धारक जीवित रहता है, तो उसे बीमित रकम और पूरे पालिसी अवधि के दौरान जमा हुआ बोनस साथ में मिलेगा।

मृत्यु लाभ:मृत्यु लाभ, पालिसी धारक की मृत्यु जिस वर्ष में होती है उसपर निर्भर करती है।
  • अगर पालिसी धारक की मृत्यु, पालिसी अवधि के भीतर होती है तो उसके नॉमिनी को बीमित रकम के साथ उसके मृत्यु तक जमा हुआ बोनस साथ में मिलेगा।
  • अगर पालिसी धारक की मृत्यु पालिसी अवधि के पूर्ण होने के बाद होती है, जहाँ उसे मैचुरिटी लाभ पहले ही मिल चूका है तो नॉमिनी को बीमित रकम वापस मिलती है।

एलआईसी जीवन आनंद योजना में सहभागी होने की शर्तें और प्रतिबन्ध:-




 LIC JEEVAN ANAND
कम से कम
अधिक से अधिक
बीमित रकम ( Rs)
1,00,000
कोई सीमा नहीं
पालिसी अवधि (वर्ष)
5
57
प्रीमियम देने की अवधि (वर्ष)
5
57
पालिसी धारक की प्रवेश आयु(अंतिम जन्मदिन से)
18 वर्ष
65 वर्ष
मैचुरिटी आयु(वर्ष)
-
75
एकल प्रीमियम
NA
NA
भुगतान मोड
वार्षिक, छमाही, तिमाही, मासिक                                                                                                                       


एलआईसी जीवन आनंद योजना की मुख्य विशेषताएं:

  • यह एंडोमेंट के साथ साथ आजीवन बीमा योजना है।
  • मैचुरिटी(परपक्वता) लाभ : (बीमित रकम + जमा हुआ बोनस) और आजीवन लाइफ कवर
  • मैचुरिटी(परपक्वता) के बाद मृत्यु लाभ के रूप में सिर्फ बीमित रकम
  • मैचुरिटी(परपक्वता) के पहले मृत्यु लाभ: बीमित रकम + मृत्यु तक जमा हुआ बोनस
  • सिंपल रिवेर्सोनरी बोनस केवल मैचुरिटी पर या पालिसी अवधि के दौरान मृत्यु पर दिया जाता है।
  • दुर्घटना मृत्यु और दिव्यांगता लाभ इस योजना में अन्तर्निहित सुविधा है।
  • क्रिटिकल बेनिफिट के रूप में एक अतिरिक्त राइडर उपलब्ध(वैकल्पिक)।
इस योजना को अतिरिक्त प्रीमियम के साथ उन लोगों को दिया जा सकता है, जो जोखिम भरे व्यवसाय से जुड़े हैं।
बड़े बीमित रकम पर छूट दी जाती है।

एलआईसी जीवन आनंद योजना में आयकर लाभ:

प्रीमियम भुगतान: इस योजना में भरे जानेवाले प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट दी गई है। अधिक से अधिक 1.5 लाख की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

क्लेम राशि: इस योजना मे मैचुरिटी(परिपक्वता) अथवा मृत्यु पर मिलनेवाला लाभ मे आयकर अधिनियम की धारा 10(10D) के तहत छूट दी गई है। क्लेम राशि की कोई सीमा नहीं है।

एलआईसी जीवन आनंद के प्रीमियम का उदहारण:


नीचे दिया हुआ उदहारण एक स्वस्थ पुरुष (तम्बाखू का उपयोग नहीं करता) का है, जो 25 वर्षों के लिए Rs. 1,00,000 के बीमित रकम की पालिसी लेता है।

क्या होता है जब आप एलआईसी की जीवन आनंद के प्रीमियम का भुगतान रोक देते हैं?

ग्रेस(अतिरिक्त) समय: नियमित रूप से तय तारीख पर प्रीमियम का भुगतान आवश्यक है। अगर किसी कारणवश तय तारीख पर आप प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सके, तो एलआईसी द्वारा आपको प्रीमियम के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है। यह समय 30 दिन और 15 दिन का होता है। 30 दिन का अतिरिक्त समय उनको दिया जाता है जो वार्षिक, छमाही या तिमाही तौर पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
15 दिन का अतिरिक्त समय उनको दिया जाता है जो मासिक तौर पर प्रीमियम का भुगतान करते हैं।

पेड अप मुल्य : अगर ग्रेस(रियायती) समय में भी प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो पालिसी बंद हो जाती है। अगर कम से कम तीन वर्षों के प्रीमियम का भुगतान किया गया है, तो तो पालिसी, पेड अप पालिसी में बदल जाती है। इस पेड अप पालिसी में मिलनेवाली राशि के भुगतान की गणना इस प्रकार है, बीमित रकम को भुगतान की गई प्रीमियम और वास्तविक देय प्रीमियम के अनुपात से कम किया जाता है। इस गणना से जो रकम मिलती है उसमें जमा हुआ बोनस भी जोड़ा जाता है। पेड अप पालिसी में भविष्य में मिलनेवाला बोनस नहीं जोड़ा जाता है। और इस पेड अप रकम का भुगतान एलआईसी द्वारा मैचुरिटी(परिपक्वता) या मृत्यु पर किया जाता है।

सरेंडर(समर्पण) मुल्य: अगर पालिसी धारक चाहे  तो पालिसी सरेंडर कर सकता है, और सरेंडर मुल्य प्राप्त कर सकता है। लेकिन सरेंडर मुल्य तभी लागू होती है जब आपने पालिसी के तहत पहले तीन वर्ष का प्रीमियम भरा है। पालिसी सरेंडर करने पर गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में से जो भी अधिक है उसका भुगतान किया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जाती है।

गारंटीड सरेंडर वैल्यू = (कुल प्रीमियम भुगतान का 30%) - (पहले वर्ष का प्रीमियम)
स्पेशल सरेंडर वैल्यू = इसकी गणना कंपनी द्वारा उसके भविष्य के प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।

रिवाइवल(पुनर्जीवन): ऐसी पालिसी जो बंद हो गई है और पेड अप पर चल रही है, उसको फिर से रिवाइव(पुनर्जीवित) किया जा सकता है। पर इसे पुनर्जीवित आखिरी भरे हुए प्रीमियम से दो साल के भीतर  ही किया जा सकता है। इसके लिए बकाया प्रीमियम के साथ उसपर लगे हुए ब्याज भी देना होता है।


एलआईसी जीवन आनंद पर अक्सर पूछे जानेवाले कुछ उपयोगी प्रश्न:

1. पिछले साल मैं अपने जीवन आनंद पालिसी को गलती से पुनर्जीवित करना भूल गया। क्या अब मैं इसे पुनर्जीवित कर सकता हूँ?
हाँ। आप बिल्कुल कर सकते हैं,  पर इसे आपको पालिसी बंद होने के दो साल के भीतर करना होगा। इस तरह के रिवाइवल के लिए आपको बकाया प्रीमियम और अगर कोई ब्याज है, तो उसका भुगतान आपको करना होगा।

2.क्या जीवन आनंद में 5 साल बने रहने के बाद मैं इसे टर्म प्लान में स्विच कर सकता हूँ?
नहीं। इस पालिसी को लेने के बाद आप इसे स्विच नहीं कर सकते। आपको चुने हुए अवधि तक इसमें बने रहना होगा। अगर आप प्रीमियम का भुगतान बंद करते हैं, तो आपकी पालिसी लैप्स(बंद) हो जाती है।

3.क्या मैं अपने जीवन आनंद पालिसी के विरुद्ध लोन ले सकता हूँ?
बिल्कुल आप ले सकते हैं। पर इसपर आप तभी लोन ले सकते हैं, जब यह पालिसी सरेंडर वैल्यू प्राप्त कर लेती है। लोन की सीमा उसके द्वारा प्राप्त किया हुआ सरेंडर वैल्यू पर निर्भर करती है।

4.अगर मैं अपने जीवन आनंद पालिसी के तहत क्रिटिकल इलनेस राइडर कवर लेता हूं, और मुझे पालिसी अवधि के दौरान कोई बीमारी नहीं होती, तो क्या मुझे उस राइडर का लाभ, मृत्यु पर या मैचुरिटी(परिपक्वता) पर मिलेगा?
नहीं। राइडर लाभ सिर्फ आकस्मिक दुर्घटना के लिए है। अगर आप पालिसी अवधि के दौरान किसी ऐसे दुर्घटना के शिकार नहीं होते हैं, तो आपको मृत्य पर या मैचुरिटी पर कोई अतिरिक्त राइडर लाभ नहीं मिलेगा।



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APURVA ANAND
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